भटकूँ मैं तो राह दिखाती, तेरे प्यार को थोड़ा समझूँ तुमसी सीख न मुझमें माँ, संस्कार म भटकूँ मैं तो राह दिखाती, तेरे प्यार को थोड़ा समझूँ तुमसी सीख न मुझमें माँ,...
ऐसे बात बनाता है वो जैसे ये दिल कोई बच्चा हो। ऐसे बात बनाता है वो जैसे ये दिल कोई बच्चा हो।
अन्नपूर्णा मेरी माँ, उसके भोजन में था प्यार, बेशुमार। अन्नपूर्णा मेरी माँ, उसके भोजन में था प्यार, बेशुमार।
इसलिए नहीं की वो मेरी परवाह नहीं करते इसलिए नहीं की वो मेरी परवाह नहीं करते
कोई तो है जो हर बात की हमारी खबर रखता है कोई तो है जो हम को अपनी उंगलियों पे नचाता है, कोई तो है जो हर बात की हमारी खबर रखता है कोई तो है जो हम को अपनी उंगलियों पे ...
पैसे की अब चाह नहीं है, अब मेरी खुशियाँ मुझको वापस कर दे। पैसे की अब चाह नहीं है, अब मेरी खुशियाँ मुझको वापस कर दे।